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| موضوع: कविता आर्ट्स ब्रिज में प्यार का ताला أقفال الحب فى جسر الفنون الأربعاء يناير 27, 2021 8:36 pm | |
| कविता आर्ट्स ब्रिज में प्यार का ताला أقفال الحب فى جسر الفنون
पेरिस में नील तरंग आशा से उठा गोल्डन लॉक से पत्तेदार **** ओस नाचती है और बहुत और कदम रख रहा है ताले से ऊपर एक पुल पर रखा गया जैसे की जाल से ढँकनापत्ते **** यहाँ कीपैड टॉसिंग दिलों में तीर के साथ मौन वास करता है कदम में जगह में और मैंने इशारा किया आशाएँपत्ते **** और घोड़ों की यादें रास्तों में कल्पना से शांत नहीं होंगे प्यार और कताई धाराएँ आज यह खत्म नहीं होगा दिल में कभी नहीं संदिग्धपत्ते **** चट्टानों स्तनों में मेलोडी ज्ञात गुण रंग प्यार में है महत्वपूर्ण नहीं साथ ही लंबाई और चौड़ाई हम बागों से प्यार कर सकते हैं और हम बैदा से प्यार कर सकते हैं रेतपत्ते **** यहां गल गया प्रेमी के खून में अदोनिस मारे गए के लिये उसका प्रिय शुक्र पत्थर उड़ सकता है रंगों के बीच और अंत में लौट आता है प्यासे रातों में जहां तारे मत सोइये **** पुल पर दिल नहीं बोलें वह घाटियों में हो गया असंभव शब्द प्यार ताले कला के पुल में प्रेम और वासना के साथ खुशी और खुशी और सौंदर्य और आनंद में भीड़ थी प्रसन्नता फुसफुसा प्रसन्नता फुसफुसापत्ते पत्ते mahmoud el ayat मिस्र
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| موضوع: رد: कविता आर्ट्स ब्रिज में प्यार का ताला أقفال الحب فى جسر الفنون الأربعاء يناير 27, 2021 8:40 pm | |
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